पीजीआई में 10 जुलाई की दोपहर में पुलिसकर्मी बनकर आए तीन युवकों ने पानीपत के युवक का अपहरण कर लिया। आरोप है कि इसके बाद युवकों ने उसे पानीपत ले जाकर जमकर पीटा। साथ ही उसके मुंह पर पेशाब करने के साथ ही उन्होंने उसे बाल काट कर वापस रोहतक के पुराने बस स्टैंड के पास छोड़ दिया। युवक पीजीआई में अपने बुजुर्ग नाना का उपचार कराने गया था। पीड़ित की मां की ओर से पीजीआईएमएस थाने में अपहरण, बंधक बनाकर पीटने व जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कराया गया है।
पुलिस के मुताबिक पानीपत के नरायणा गांव की एक महिला ने दी शिकायत में बताया कि उसका बेटा सात माह से अपने नाना के घर रोहतक में रह रहा है। 10 जुलाई को वह अपने नाना को उपचार के लिए पीजीआई लेकर आया था। उसी दिन दोपहर करीब एक बजे डॉक्टर ने उसके बेटे को ट्रॉमा सेंटर में ब्लड की जांच करवाने व ऑपरेशन के लिए दवाई लेने के लिए भेज दिया। आरोप है कि जब बेटा ट्रॉमा सेंटर के गेट की तरफ जा रहा था तो मोड़ पर कार में तीन युवक आए और अपने को पुलिसकर्मी बताकर उसके बेटे का अपहरण कर लिया। इसके बाद आरोपी उसे पानीपत में एक कोठी में ले गए। वहां पर नरायणा गांव के एक युवक को वीडियो कॉल की। वहीं, दूसरी तरफ से नरायणा के युवक ने कपड़े उतारकर युवक की पिटाई करने को कहा। इस दौरान उन्होंने उसकी पिटाई करने के साथ ही मुंह पर पेशाब भी किया। साथ ही एक दो नाली बंदूक उसे थमा कर फोटो खींचे। इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए। इस पर अदालत में बयान बदलने की बात लिखवाई। इसके बाद उसके बेटे को रोहतक लेकर आने लगे। रास्ते में गोहाना के पास आरोपियों ने गाड़ी के अंदर ही उसके बेटे के सिर के बाल काट दिए। बाद में बेटे को पुराने बस स्टैंड के पास छोड़कर भाग गए। युवक की मां का आरोप है कि आरोपियों ने उसके बेटे से 5 हजार रुपये की नकदी व नाना के उपचार के कागजात भी छीन लिए। वह पीजीआईएमएस थाने में कार्रवाई के लिए गए, लेकिन उनकी शिकायत नहीं ली गई। पुलिस ने पानीपत के नरायणा गांव निवासी सुलेंद्र व राजेश सहित पांच के खिलाफ केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पीजीआईएमएस के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर शमशेर सिंह का कहना है कि पुलिस पर कार्रवाई न करने के आरोप बेबुनियाद है। वीरवार को ही शिकायत मिली, तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। जल्द आरोपियों को काबू किया जाएगा।