रोहतक, 19 दिसंबर बैंकर्स की जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी/डीसीसी) की बैठक में आज आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की प्रेरक कहानियां केंद्र में रहीं। उपायुक्त सचिन गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के प्रशिक्षुओं के सफल केस स्टडी प्रस्तुत किए गए। सचिन गुप्ता ने कहा ये सफलता की कहानियां दर्शाती हैं कि जब कौशल प्रशिक्षण को बाजार की मांग के अनुरूप किया जाए और समय पर बैंक ऋण का सहयोग मिले, तो जीवन में वास्तविक परिवर्तन संभव है। हमारा फोकस जन-केंद्रित बैंकिंग और आजीविका आधारित विकास पर बना रहना चाहिए
गांधऱा गांव की सुश्री जिया और गढ़ी बोहर गांव की सुश्री ज्योति, दोनों ने आरसेटीआई खरावड़ से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने-अपने कॉस्मेटिक्स एवं ब्यूटी व्यवसाय स्थापित किए हैं और अब स्वतंत्र रूप से आय अर्जित कर रही हैं। ये दोनों ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनकर उभरी हैं।
केस स्टडी : जिया, गांव गांधरा
12वीं पास जिया ने आरसेटी से व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने गांव में कॉस्मेटिक एवं पार्लर की दुकान शुरू की। वर्तमान में वह प्रतिमाह 15,000 रुपये से अधिक की आय अर्जित कर रही हैं, अपने परिवार का सहयोग कर रही हैं तथा अन्य महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही हैं।
केस स्टडी : ज्योति, गांव गढ़ी बोहर
12वीं पास ज्योति ने भी आरसेटी से प्रशिक्षण लेकर अपना कॉस्मेटिक व्यवसाय शुरू किया। उन्होंने आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल की है और घरेलू आय में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं, जो कौशल विकास के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है।
बाजार-आधारित कौशल प्रशिक्षण पर जोर
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने लघु सचिवालय स्थित सभागार में बैठक के दौरान इन सफल कहानियों की सराहना करते हुए निर्देश दिए कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को पूर्णत: बाज़ार की मांग के अनुरूप तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्लंबिंग, सिलाई, कुकिंग, होम नर्सिंग, फास्ट फूड निर्माण, ब्यूटी एवं वेलनेस सेवाओं की भारी मांग है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पुलिस सत्यापन के उपरांत प्रशिक्षित युवाओं का विवरण एक समर्पित वेबसाइट पर अपलोड किया जाए, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ें और आमजन का विश्वास मजबूत हो।
बैंकिंग प्रदर्शन की समीक्षा
जिला के बैंकिंग संकेतकों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने संतोष व्यक्त किया कि रोहतक जिले ने 65 प्रतिशत का क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात हासिल किया है, जो न्यूनतम निर्धारित 60 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकता क्षेत्र ऋण वितरण 40 प्रतिशत के न्यूनतम लक्ष्य के मुकाबले 56 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जबकि एमएसएमई ऋण वितरण में प्रदर्शन अत्यंत उत्कृष्ट पाया गया। हालांकि कृषि ऋण में अपेक्षित प्रगति न होने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की और इस क्षेत्र में प्रयास तेज करने के निर्देश दिए।
कृषि ऋण एवं पीएमएफबीवाई पर निर्देश
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उपायुक्त ने बैंकों को सभी पात्र किसानों को समय पर कृषि ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत डाटा अत्यंत सावधानी से अपलोड करने के निर्देश दिए ताकि किसी प्रकार की त्रुटि न हो। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों को अनिवार्य रूप से पीएमएफबीवाई के अंतर्गत कवर किया जाए, जब तक कि वे 24 दिसंबर तक लिखित रूप से योजना से बाहर रहने की इच्छा न जताएं।
वार्षिक ऋण योजना की उपलब्धियां
सितंबर 2025 को समाप्त तिमाही तक वार्षिक ऋण योजना वर्ष 2025-26 के तहत निम्न उपलब्धियां दर्ज की गईं। इनमें कृषि क्षेत्र 1,487 करोड़ रुपये (लक्ष्य का 89 प्रतिशत), प्राथमिकता क्षेत्र 6,257 करोड़ रुपये (लक्ष्य का 124 प्रतिशत) तथा एमएसएमई क्षेत्र 4,536 करोड़ रुपये (लक्ष्य का 162 प्रतिशत) रहा है। एमएसएमई एवं प्राथमिकता क्षेत्र में लक्ष्य से अधिक उपलब्धि पर बैंकों की सराहना करते हुए उपायुक्त ने कृषि ऋण बढ़ाने के लिए त्वरित सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए।
सरकारी योजनाओं के मामलों का शीघ्र निस्तारण
उपायुक्त ने सभी बैंकों को निर्देश दिए कि सरकारी प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत ऋण आवेदनों का सात दिनों के भीतर निस्तारण सुनिश्चित किया जाए तथा सामूहिक या अधूरे मामलों को प्रायोजित करने से बचा जाए।
साइबर अपराध में सहयोग
साइबर सुरक्षा पर जोर देते हुए बैंकों को निर्देश दिए गए कि साइबर धोखाधड़ी की जांच में पुलिस विभाग को आवश्यकता अनुसार लेन-देन की आईपी डिटेल, सीसीटीवी फुटेज, खाता विवरण और केवाईसी दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराए जाएं।
आरबीआई एवं नाबार्ड के सुझाव
आरबीआई के लीड जिला अधिकारी कंवल कृष्ण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक ऋण योजना के लक्ष्यों को समय पर पूरा करने पर बल दिया तथा वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान और बिना दावे वाली जमाओं के डाटा को अपडेट करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक अंकित दहिया ने बैठक में एआईएफ, ई-एनडब्ल्यूआर, सीजीएस-एनपीएफ, नाबार्ड रिफाइनेंस सहायता, आरआईडीएफ परियोजनाओं तथा रोहतक जिले में पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के संबंध में जानकारी दी।
बैंकों का आश्वासन
लीड जिला प्रबंधक महावीर प्रसाद ने उपायुक्त के निर्देशों का पूर्ण पालन करने तथा सभी लक्ष्यों को समय पर पूरा करने का आश्वासन दिया। बैठक में आरबीआई के एलडीओ कंवल कृष्ण, नाबार्ड के डीडीएम अंकित दहिया, एलडीएम महावीर प्रसाद एवं सभी बैंकों/संबंधित सरकारी विभागों के जिला स्तरीय प्रतिनिधि, एफएलसी और सीएफएल प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
